Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
O Lord, Purari, you saved all Deities and mankind by defeating and destroying the demons Tripurasur. You blessed your devotee Bhagirath and he was in a position to perform his Vow after arduous penance.
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप more info अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया Shiv chaisa जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र